बेंगलुरु: के.आई.आई.टी. वर्ल्ड स्कूल गुरुग्राम की संचालिका श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव, ने ‘ई मास्कोट-छुटकी’ का निर्माण किया, जो सहकर्मी शिक्षक के रूप में वीडियो के माध्यम से विद्यार्थियों को सामाजिक, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी चुनौतियों का सामना करना सिखाती हैं। उत्तरी क्षेत्र में श्रीमती रश्मि को सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का श्री श्री पुरस्कार दिया गया। बाल मजदूरी और कन्या बाल विवाह जैसी सामाजिक बीमारी के विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाले गवर्नमेंट कम्पोजिट हाई स्कूल, तुमकुर के हेड मास्टर तथा लेखक डॉ एस कृष्णप्पा ने दक्षिणी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का श्री श्री पुरस्कार प्राप्त किया। उनके नवीन मेंटरशिप कार्यक्रम ने शिक्षित युवाओं को साथ लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक संसाधनों की कमी को पूरा किया। 27 वर्षों से शिक्षा में नई पद्धतियों एवं तकनीक को सम्मिलित करने वाले एक समृद्ध शिक्षाविद श्री दत्तात्रेय वारे जिनके निर्देशन में पहला सरकारी स्कूल आई.एस.ओ. प्रमाणित बना और महाराष्ट्र सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्कूल के रूप में भी मान्यता प्राप्त की, उन्हें पश्चिमी क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार प्राप्त हुआ। वे पहला टेबल संचालित स्कूल चलाते हैं, जहां प्रत्येक बच्चा कोडिंग कर सकता है। उन्होंने एकीकृत पाठ्यक्रम के अंतर्गत 6 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है।
यह पुरस्कार उन्हें प्रदान किया जाता है, जिन्होंने बच्चों के सर्वांगीण विकास में मजबूत नैतिक मूल्यों, आध्यात्म और राष्ट्रीयता की भावना को प्रोत्साहित किया।
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह में वैश्विक आध्यात्मिक गुरु तथा मानवतावादी गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर, राज्य शिक्षा केंद्रीय मंत्री, शिक्षा मंत्रालय माननीय डॉ सुभाष सरकार और डॉ रामलिंग रेड्डी, कर्नाटक के परिवहन एवं मुजराई मंत्री शामिल थे ।
इस अवसर पर गुरुदेव ने कहा, "जब तक हम देश की सभ्यता का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक प्रगति सम्भव नहीं है। हमारे ट्रस्टी इस भावना के साथ काम करते हैं कि कोई भी पराया नहीं है। केवल यहाँ का ही नहीं, बल्कि प्रत्येक स्कूल हमारा है और हम आगे बढ़कर इन सबके विकास और उत्कृष्टता के लिए काम करेंगे।"
शिक्षा मंत्रालय के राज्य शिक्षा केंद्रीय मंत्री, माननीय डॉ सुभाष सरकार ने इस सभ्यता पर गर्व अनुभव करने और शिक्षा में योग के प्राचीन ज्ञान को शामिल करने की आवश्यकता के विषय में कहा। उन्होंने बताया, “नैशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020, बहुप्रतीक्षित सुधार के अंतर्गत शिक्षा में तकनीक के प्रयोग पर आधारित होगी। ज्ञान में उत्थान करने, पुनरुद्धार करने और एक व्यक्ति को दिव्यता से जोड़ने की शक्ति है। मैं बहुत प्रसन्न हूँ कि गुरुदेव ने ऐसे प्रभावशाली कार्यक्रमों का निर्माण किया है, जो व्यक्ति का सशक्तिकरण और रूपांतरण करते हैं।” योग के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘योग के द्वारा, हम एक स्वस्थ शरीर और प्रसन्न मन के साथ जीवन जी सकते हैं। विश्व भर में योग की स्वीकृति, हमारे देश के लिए गौरव की बात है।" उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को शिक्षण में प्रौद्योगिकी के साथ-साथ आगे बढ़ते हुए मूल्यों और परंपराओं का भी ध्यान रखना चाहिए। शिक्षा में समग्र उत्कृष्टता का यह पुरस्कार 2024 में आर्मी पब्लिक स्कूल नोएडा को दिया गया, जो एक ऐसा शैक्षिक संस्थान है, जिसमें अनुशासन, देशप्रेम, अखण्डता, नेतृत्व जैसे मूल्यों को प्रोत्साहित किया जाता है। इस श्रेणी में डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल रनर अप रहा, जो अपने विद्यार्थियों की सुरक्षा और विभिन्न सामुदायिक और सरकारी अभियानों में अपनी क्रियाशीलता, तकनीकी विकास, चेतना शिविर, पर्यावरण संरक्षण और शिक्षक सशक्तिकरण पर जोर देते हुए विभिन्न विषयों की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। साधु वासवानी इंटरनेशनल स्कूल, हैदराबाद, को समग्र शिक्षा पुरस्कार, 2024 से सम्मानित किया गया । साधु वासवानी इंटरनेशनल स्कूल विभिन्न उल्लेखनीय सामुदायिक अभियानों, जैसे- दान शिविर, क्षमा करने की गतिविधियों, कैंसर के मरीजों के लिए अभियानों का आयोजन आदि करने में आगे रहता है ।
शेष पुरस्कार विजेताओं में ब्लूमिंगडेल इंटरनेशनल स्कूल राजस्थान, समग्र शिक्षा श्रेणी में उपविजेता रहा; पूर्वी क्षेत्र के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का श्री श्री पुरस्कार बिहार के कौशल किशोर को दिया गया; डॉ. संजय एम. पीरापुर ने सर्वश्रेष्ठ नर्स शिक्षक के लिए श्री श्री पुरस्कार प्राप्त किया । वैद्य श्रेणी में भिषक् श्री पुरस्कार संजीवनी आयुर्वेद और योग केंद्र और संजीवनी आयुर्वेद वैद्यशाला, चेन्नई के वैद्य डॉ. पी. एल.टी गिरिजा को प्रदान किया गया।
पुरस्कारों के बाद, उपस्थित लोगों को भारतीय विज्ञान संस्थान के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सी.एन.एस) विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रामकृष्णन ए.जी; प्रो. शशिकुमार गणेशन, प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, कम्प्यूटेशनल और डेटा विज्ञान विभाग, भारतीय विज्ञान संस्थान और प्रो श्री रविचंद्रन वी., संस्थापक- स्मृति अकादमी और ई-विद्यालोक ट्रस्ट के अध्यक्ष; अनूप कृष्णन, एसोसिएट प्रोफेसर, आईआईटी दिल्ली, डॉ. पेट्रा ब्रैच, पोषण चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा में विशेषज्ञता वाले बेस्टसेलिंग लेखक और रोलैंड लिबशर ब्रैच, बेस्ट सेलिंग लेखक, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के साथ 'शिक्षा में ए.आई के महत्व' पर एक विचारोत्तेजक और विचार-समृद्ध पैनल चर्चा देखने को मिली।
पिछले 25 वर्षों से समग्र और मूल्य-आधारित शिक्षा के क्षेत्र में सेवारत श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर ट्रस्ट द्वारा स्थापित, ये पुरस्कार सर्वांगीण शैक्षिक उत्कृष्टता के मानक हैं।