आजमगढ़ सिधारी स्थित श्रीमन मंगलम् होटल में महराज शिवानंद ने श्रीमद् भागवत कथा में बैठै भक्तों को श्रवण
कराते हुए कहा कि मानवता में सब से बड़ी गिरावट आयी है क्योंकि आज का मानव अपने माँ-बाप के दुःख से दुखी नहीं होता है। सांसारिक भोग की प्राप्ति नहीं होने पर वह दुखी हो रहा है मनुष्य जीवन पाने के लिए न जाने कितने कष्टों का सामना करना पड़ता है। मनुष्य का कल्याण भगवान की शरण लेने से ही होता है।
अगर मानव सुखी रहना चाहता है तो अपने जीवन का एक पल गवाए बिना भगवान के हो जाना चाहिए ।मनुष्य का एक मात्र सहारा भगवान होते हैं क्योंकि भगवान ही अपने भक्तों का हित चाहते हैं। भगवान भक्तों की विपत्ति को अपने ऊपर ले लेते हैं। जब मानव के पुण्य उदय होते हैं तब मनुष्य का मन भगवान में लगने लग जाता है।
सनातन धर्म जैसा कोई और धर्म नहीं है क्योंकि सनातन धर्म विज्ञान से जुड़ा हुआ धर्म है। सनातन धर्म में नौ ग्रहों की पूजा की जाती है इस अवसर सिद्धार्थ राम सिंह ,मंजू राय,
अभिषेक राय सहित सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे ।