आजमगढ़ भारत सरकार के आयुष मंत्रालय एवं राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग एवं महाविद्यालय के चेयरमैन डाक्टर अशोक सिंह के निर्देश के क्रम दशम आयुर्वेद दिवस 2025 के अवसर पर महाविद्यालय में व्याख्यान का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ.आस्था वर्मा ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। यह चिकित्सा शत प्रतिशत इलाज या किसी चमत्कार का दावा नहीं करती है, इसलिए भ्रामक विज्ञापनों से दूर रहना चाहिए। ये खतरनाक साबित हो सकते है।आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों और दावों के प्रति जनता को जागरूक करना हम सबकी जिम्मेदारी है। छात्रा अलीना नदीम ने अपने व्याख्यान में बताया कि पेड़ पौधे हमारी धरोहर है और प्राकृतिक,धार्मिक,और सामाजिक संस्कृति के प्रतीक है।हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए।
शिविर में डॉ विभूति मिश्रा,डॉ राघवेंद्र सिंह,डॉ आस्था वर्मा,डॉ पिंकी,
डॉ सिम्मी,डॉ रुद्रमणि दीपक,डॉ वेद प्रकाश,नोडल ऑफिसर डॉ विनोद एवं प्राचार्य डॉ सच्चिदानंद और अंतिम वर्ष के छात्रों उपस्थित रहे ।